अब लोगों को स्कैमर्स से मिल सकती है राहत,जाने कैसे होगा ये
आप सभी के पास ठगी और प्रमोशनल कॉल्स तो आती ही होगी। जिनसे हम लोगों की रोजमर्रा की लाइफ में काफी परेशानिया आ जाती है। कभी कभी तो इन स्कैमर्स की बातो में फसकर लाखो का नुक़सान भी झेलना पड़ता है और हम बाद में कुछ कर नहीं पाते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर आ गई है ऑस्ट्रेलिया के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स एक ऐसा AI चैटबॉट तैयार कर रहे हैं जो बिलकुल इंसानों की तरह ही बातचीत बात करेगा और जो स्कैम फोन कॉल्स रिसीव करके, स्कैमर्स से घंटों देरी तक बाते किया करेगा। इस पूरी प्रकिया में स्कैमर्स का ही टाइम बर्बाद हुआ करेगा लेकिन आपका खुद का दिमाग उस समय दिमाग रिलैक्स रहेगा।
अभी होता क्या है कि स्कैमर्स आपको कभी कॉल करते हैं फिर वो आपको अपनी स्कीम के बारे में बताते हैं और अपनी मीठी मीठी बातो में फास कर आपको पागल बनाते है। अगर आप अगर थोड़े भी कमज़ोर दिल के है, तो आप उनकी बातो मे आसानी से फस जाते है। लेकिन अब सिडनी की मैकेरी यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का एक ऐसे AI चैटबॉट पर काम जारी है जो इन स्कैमर्स को अपनी बातों में उलझाकर रख सकता है इसे ऐसे डिज़ाइन किया जाएगा कि ठगों का पासा उन पर ही उल्टा पड़ेगा।
इस अनोखी चैटबॉट का नाम अपाते रखा गया है वही ग्रीक माइथोलॉजी में इसको धोखे की देवी कहा जाता है। इसके लिए ChatGPT की तरह की AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे वॉइस क्लोनिंग के साथ साझा किया गया है जिससे एक इंसान की डमी आवाज़ तैयार की जा सके, जो इन ठगों से लम्बी लम्बी बातें कर सके। अपाते की ट्रेनिंग ठगों द्वारा किए गए फोन कॉल, ईमेल और सोशल मीडिया पर भेजे गए मैसेजेस के जरिए की जा रही है।
मैकेरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दाली काफर ने बताया है कि हमारा ये मॉडल स्कैमर्स को अपनी बातों में लगाकर रखेगा जिससे उनका समय बर्बाद होगा और अगर स्कैमर एक ही कॉल में घंटो तक लगा रहेगा तो इससे उनके नंबर ऑफ कॉल्स की संख्या भी कम होगी और इसके साथ ठगी के मामलों में भी गिरावट देखी जाएगी। प्रोफेसर काफर का कहना है कि ये चैटबॉट स्कैमर्स के बिजनेस मॉडल को काफी हद तक प्रभावित करेगा। लोगों को लूटना उनके लिए पहले से
काफी मुश्किल रहेगा।
दअसल में एक बार प्रोफेसर काफर के पास किसी स्कैमर्स का कॉल आया था। प्रोफेसर काफर ने उस कॉल पर स्कैमर्स से घंटो तक बातचीत की और उसको अपनी बातो में उलझाकर रखा। तभी प्रोफेसर काफर को आइडिया आया कि ऐसा एक ऑटोमैटेड सिस्टम तैयार करना चाहिए जो स्कैमर्स से आम इंसान की तरह बात कर सके और उनका समय बर्बाद कर सके।प्रोफेसर काफर ने बताया है कि उनकी टीम इस चैटबॉट को 40 मिनट तक की बातचीत खींच पाने के लिए तैयार कर रही है लेकिन अभी अपाते 5 मिनट तक की साधारण बातचीत कर पाने में समर्थ है। हालाँकि अपाते नई नई चीजों को लगातार सीख रहा है और हम बहुत जल्दी ही और बेहतर करेंगे।