Jewar Airport जेवर एयरपोर्ट क्या खासियत है, जो बन गया एशिया का नंबर-1 एयरपोर्ट

Jewar Airport- भारत के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने जेवर एयरपोर्ट की नींव रख दी है. प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जो की दावा कर रही है के जेवर एयरपोर्ट एशिया का नंबर-1 एयरपोर्ट होगा। चलिए हम आपको बताते है के यह एयरपोर्ट क्यों है एशिया का नंबर वन और पूरी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट। जेवर एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर में फैला होगा। जेवर एयरपोर्ट में सुरुवात में दो रनवे बनाये जायेंगे। लेकिन इसे बढ़कर 6 रनवे कर दिया जायेगा। जिसे की एक साथ ऑपरेट किया जायेगा।
अब आप सब के मन में यह सवाल आ रहा होगा के एशिया का नंबर वन एयरपोर्ट, यानि के जेवर एयरपोर्ट बनने में कितना खर्चा आएगा तो हम आपको बताने जा रहे के जेवर एयरपोर्ट बनने में उत्तर प्रदेश सरकार ने फ़रवरी 2021 में 2000 करोड़ रूपए के बजट का एलान किया था. और इस एयरपोर्ट को पूरा होने में लगभग 29,650 करोड़ रूपए की लागत आ सकती है. इस एयरपोर्ट पर काम से काम 178 विमान उड़ान भर सकेंगे। इस एयरपोर्ट से हर साल लगभग 1 करोड़ 20 लाख यात्री उड़ान भर सकेंगे। जेवर एयरपोर्ट के बनने से 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. जेवर एयरपोर्ट में सालाना करीब 7 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी. इसमें 186 एयरपोर्ट स्टैंड होंगे। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले चरण में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश यहां आ सकता है।
जेवर एयरपोर्ट 2024 में सुरु होने की उम्मीद है. इसके बनने से दिल्ली के एयर ट्रैफिक का लोड काम होगा, दिल्ली के एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट की दुरी लगभग 70 किलोमीटर तक की होगी। सरकार पहले ही कहे चुक्की है के दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक को काम करने के लिए आसपास काम से काम तीन एयरपोर्ट चाहिए ऐसे में जेवर एयरपोर्ट काफी मददगार साबित होने वाला है. यह एयरपोर्ट इस लिहाज से भी खास है क्योंकि ये उत्तर प्रदेश का पांचवां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। देश में अभी तक तमिलनाडु और केरल ही ऐसे राज्य हैं जहां 4-4 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। मतलब आने वाले समय में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला राज्य हो जाएगा।